मनोज तिवारी

भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने गौतम गंभीर के साथ अपने पुराने विवाद के बारे में खुलकर बात की है। तिवारी का कहना है कि गंभीर ने उन्हें न केवल अपशब्द कहे, बल्कि पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष और भारत के सफलतम कप्तानों में से एक सौरव गांगुली को लेकर भी आपत्तिजनक बातें कही थीं। तिवारी ने यह भी कहा कि गंभीर ने उन्हें गंदी-गंदी गालियां दी थीं, जो उन्होंने पहले कभी किसी खिलाड़ी से नहीं सुनी थीं।

यह विवाद उस समय और भी तूल पकड़ गया जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत की हार के बाद गौतम गंभीर पर सवाल उठने लगे थे। इस हार के बाद से गंभीर पर मुख्य कोच के रूप में उनकी भूमिका को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। मनोज तिवारी और गौतम गंभीर के बीच का विवाद लंबे समय से जारी है, और आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स में एक साथ खेलते हुए भी दोनों के बीच कई बार तकरार हो चुकी थी। इन दोनों के बीच 2015 की रणजी ट्रॉफी में भी एक बड़ा विवाद हुआ था, जब दिल्ली के गंभीर और बंगाल के तिवारी के बीच फिरोजशाह कोटला मैदान पर एक झगड़ा हुआ था। यह घटना मीडिया में खूब चर्चित हुई थी और तब से ही इन दोनों के रिश्ते में खटास आ गई थी।

मनोज तिवारी ने अब इस विवाद पर विस्तार से बात की है और बताया कि कैसे गंभीर ने उनसे गालियों की बौछार की थी। तिवारी के अनुसार, जब गंभीर ने उन्हें गालियां दीं, तो उन्होंने उससे यह सवाल किया कि वह इस तरह क्यों बात कर रहे हैं। इसके बाद भी गंभीर ने अपनी बात नहीं मानी और ओवर के बाद तिवारी से मिलने की धमकी दी। तिवारी ने जवाब दिया, “अगर आप शाम को मिलना चाहते हो तो ठीक है, लेकिन क्यों इंतजार करना? हम अभी लड़ाई कर सकते हैं।” इस पर गंभीर ने तिवारी से कहा कि शाम को मिलने पर वह उसकी पिटाई कर देंगे। यह दृश्य दिल्ली में हुआ और वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने भी इन शब्दों को सुना।

तिवारी ने यह भी कहा कि मैच के दौरान अंपायर बीच में आए, लेकिन गंभीर ने उन्हें भी धक्का दे दिया। इसके बाद गंभीर ने तिवारी को फिर से गालियां दीं, जबकि वह नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े थे। तिवारी का कहना है कि अंपायर ज्यादा कुछ नहीं कर सकते थे, क्योंकि गंभीर एक बड़े खिलाड़ी थे और उनका प्रभाव था। तिवारी ने बताया कि गंभीर ने सौरव गांगुली के बारे में कुछ बेहद आपत्तिजनक बातें कीं। उन्होंने गांगुली पर आरोप लगाया कि उन्होंने बोर्ड में अपने लिए ‘स्रोत’ का उपयोग किया है, और यह भी कहा कि तिवारी भी वही काम कर रहे थे। यह विवाद तब और गंभीर हो गया जब तिवारी ने सौरव गांगुली को इस घटना के बारे में बताया। गांगुली की प्रतिक्रिया थी, “ठीक है, देखता हूं”।

तिवारी ने गौतम गंभीर के गुस्से से संबंधित समस्याओं की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि गंभीर का गुस्सा बहुत जल्द भड़क जाता है, और उन्हें लगता है कि गंभीर को अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। इस घटना के बाद, तिवारी ने इस विवाद को सार्वजनिक रूप से उठाया और गंभीर के बारे में अपनी राय साझा की।

अब सवाल यह है कि गौतम गंभीर के भारतीय क्रिकेट टीम के कोच के रूप में अनुबंध की समीक्षा किस दिशा में जाएगी। खबरों के अनुसार, चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के बाद गंभीर के कोच पद पर समीक्षा की जा सकती है। यह देखा जाएगा कि क्या वह अपनी कप्तानी और कोचिंग के दौरान भारतीय टीम के प्रदर्शन को बेहतर कर पाते हैं, या फिर विवादों का उनका इतिहास उनकी कोचिंग की भूमिका पर भारी पड़ेगा।

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