केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल  ने 19 जनवरी 2025 को तीर्थराज प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ 2025 में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने अरैल घाट पर भक्तिमय भजन संध्या और संध्याकालीन आरती में सम्मिलित होकर श्रद्धालुओं के साथ मिलकर गंगा-यमुना के संगम पर आस्था व्यक्त की।

महाकुम्भ, जो कि आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है, इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। इस पावन अवसर पर परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी और अन्य साधू संतों का सानिध्य प्राप्त हुआ, जिसने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया।

कार्यक्रम की विशेषताएँ
भजन संध्या: अरैल घाट पर आयोजित भजन संध्या ने श्रद्धालुओं को एकजुट किया, जहाँ सभी ने मिलकर भक्ति गीत गाए।
संध्याकालीन आरती: आरती के दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना के संगम में अपनी आस्था व्यक्त की।
साधू संतों का आशीर्वाद: स्वामी चिदानंद सरस्वती जी जैसे पूजनीय संतों का आशीर्वाद प्राप्त करना एक विशेष अनुभव था।

श्रद्धालुओं की प्रार्थना
इस महाकुम्भ में सभी श्रद्धालुओं की साधना और मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु प्रार्थना की गई। केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल जी ने कहा, “सर्वसिद्धि प्रदान करने वाले महाकुम्भ में सभी श्र‌द्धालुओं की साधना और मनोकामना पूर्ण हो,” यही भावना सभी के मन में थी।

महाकुम्भ 2025 न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह मानवता के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी है। हर-हर गंगे! इस पावन अवसर पर हम सभी को एकजुट होकर अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।

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