उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी (सपा) ने 111 सीटों पर विजय प्राप्त की थी, जबकि उसके सहयोगी दल रालोद और सुभासपा ने क्रमशः 8 और 6 सीटें जीती थीं। हालांकि, सपा को कुछ सीटों पर हार का सामना भी करना पड़ा था, और अब सपा 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीतियों को मजबूत करने में जुटी हुई है। पार्टी का फोकस खासकर उन सीटों पर है, जहां उसे पिछली बार हार मिली थी।

बूथवार मजबूत करने की रणनीति

सपा ने अपनी रणनीति के तहत उन बूथों पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है, जहां पिछली बार पार्टी की स्थिति कमजोर रही थी। इन बूथों को तीन श्रेणियों में बांटकर पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। यह श्रेणियां पिछले चुनाव में मिले मत प्रतिशत के आधार पर तय की गई हैं। सपा का उद्देश्य इन कमजोर बूथों पर लगातार अभियान चलाकर मतदाताओं से संबंध मजबूत करना है।

पीडीए और बसपा के वोट बैंक पर निगाहें

समाजवादी पार्टी ने अपने रणनीतिक कदमों में पीडीए (पार्टी ऑफ डेमोक्रेटिक अलायंस) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वोट बैंक पर भी नजरें जमाई हैं। पार्टी का मानना है कि इन वर्गों में मतदाता विशेष रूप से ओबीसी और दलित वर्ग में विशेष कार्य करने से सपा की स्थिति मजबूत हो सकती है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर पार्टी के पदाधिकारी इन वर्गों के बीच संवाद स्थापित करेंगे और उनकी समस्याओं को हल करने में मदद करेंगे।

दलित समुदाय में समाजवादी विचारों का प्रचार

सपा की रणनीति में दलित समुदाय के बीच संविधान और डॉ. भीमराव आंबेडकर की विचारधारा को प्रोत्साहित करने का भी महत्वपूर्ण स्थान है। पार्टी ने स्थानीय इकाइयों से कहा है कि वे दलित मतदाताओं के बीच समाजवादी सोच को बढ़ावा दें और इस समुदाय के लोगों को यह समझाने का प्रयास करें कि समाजवाद उनके हक और अधिकारों की रक्षा करता है।

खेलकूद में वाराणसी के खिलाड़ियों की सराहना

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में वाराणसी की तीन बेटियों—प्रीति पटेल, प्राची पटेल और शशि पटेल—से प्रदेश मुख्यालय पर मुलाकात की। इन तीनों ने छत्तीसगढ़ में आयोजित स्कूली बच्चों की कुश्ती प्रतियोगिता में क्रमशः गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया था। अखिलेश यादव ने इन खिलाड़ियों की सराहना की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की, साथ ही आर्थिक सहायता भी प्रदान की।

सपा अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा कि “देश का नाम रोशन करने के लिए गरीब परिवारों के बच्चे ही खेलते हैं। मेहनतकश परिवारों से ही अच्छे खिलाड़ी निकलते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि इन बच्चों की मां, सरिता पटेल, सब्जी बेचकर अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं, जो समाज में शिक्षा और खेल की महत्वता को दर्शाता है।

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