निर्माता-निर्देशक सनोज मिश्रा ने सेंसर बोर्ड के चक्कर लगाने और फिल्म रिलीज न होने को लेकर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा, “क्या हमें सामाजिक कुरीतियों को उजागर करने के लिए भी प्रताड़ित किया जाएगा? इस फिल्म के कारण हुए हमारे नुकसान की भरपाई कौन करेगा?”
मिश्रा ने आगे कहा, “यदि पश्चिम बंगाल में सबकुछ सही चल रहा है तो ममता सरकार हमारी फिल्म रिलीज क्यों नहीं होने देती? क्या हमने फिल्म बनाकर कोई अपराध कर दिया है? ममता सरकार कोई स्पष्ट कारण नहीं बता रही है।”
उन्होंने कहा, “यदि पश्चिम बंगाल में रोहिंग्याओं और बंगलादेशी घुसपैठियों की मदद ममता बनर्जी की सरकार नहीं कर रही है तो वो इस बात को सरेआम साबित क्यों नहीं करती। वो हमारी फिल्म को बिना रिलीजिंग के ही प्रोपगैंडा फिल्म क्यों साबित करने पर तुली हुई हैं?”
फिल्म के मुद्दे पर बात करते हुए मिश्रा ने कहा, “हमने एक बेहद सत्य घटना पर आधारित फिल्म बनाई है जिसमें पश्चिम बंगाल में बढ़ रहे संगठित अपराध और टार्गेटेड हिंसा को हमने इंगित किया है। यदि ‘मिशन कश्मीर’, ‘हैदर’, ‘उड़ता पंजाब’, ‘कश्मीर फाइल्स’, ‘द केरला स्टोरी’ जैसी मुद्दे वाली फिल्में रिलीज हो सकती हैं तो हमारी फिल्म को रिलीज करने में क्या बुराई है?”
उन्होंने कहा, “मेरा यह फिल्म पूरी तरह बनकर तैयार है जो 27 अप्रैल को पूरे हिंदुस्तान में दिखाई जाएगी।”
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस फिल्म “द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” के विवाद को और बढ़ा सकती है। यह देखना होगा कि क्या फिल्म रिलीज हो पाती है या नहीं।