यूपी के सीएम योगी आजित्यनाथ के नारे बंटेंगे तो कटेंगे के बाद अब यूपी में ही एक और नारा उछला है …डरेंगे तो मरेंगे…दरअसल महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले संगम के तट पर इस नारे के साफ पोस्टर लगाए गए हैं….इस नार के जरिए संतों ने हिंदू समाज को एकजुट होने का आह्वान किया है…इस होर्डिंग के नीचे जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य का नाम भी अंकित है…इसके अलाव कुछ और नारों के साथ भी होर्डिंग लगाई गई हैं….इनमें से लिखा है ‘वक्फ के नाम पर संपत्ति की लूट है’, और धर्मनिरपेक्ष देश में ये कैसी छूट है?…एक और पोस्टर में हिंदू समाज के एकजुट होने की अपील की गई है और यह भी लिखा गया है कि सनातन सात्विक है, पर कायर नहीं…होर्डिंग के बैकग्राउंड में एक बंद मुट्ठी की छाया भी दिखाई दे रही है….जो इसे और विवादास्पद बनाती है…इस तरह के होर्डिंग मेला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गए हैं…. खासकर इस लिहाज से कि महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में ऐसे संदेश दिए जा रहे ….कुछ लोग इस पोस्टर का विरोध कर रहे हैं तो कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं…कुछ साधु-संतों ने इस होर्डिंग का समर्थन करते हुए कहा है कि हिंदू समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है….इसके साथ ही, इस महाकुंभ के आयोजन से पहले कुछ साधु-संतों ने गैर-सनातनियों के मेला क्षेत्र में प्रवेश पर बैन लगाने की भी मांग की है… अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत रविंद्रपुरी महाराज ने मेला क्षेत्र में लगे इन होर्डिंग्स का समर्थन किया और कहा कि ये संदेश बहुत सही है. उनका कहना था कि हिंदू समाज ने हमेशा डर के साथ जीवन जिया है, लेकिन अब हम डरने वाले नहीं हैं. इस बयान से साफ है कि संत समाज अब किसी भी प्रकार के डर से बाहर निकलकर अपना अधिकार जताने के लिए तैयार है…गौरतलब है कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम योगी ने बंटोगे तो कटोगे का नारा दिया था, जबकि पीएम मोदी ने कहा था कि एक हैं तो सेफ है. इसका असर भी हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था. उसी तर्ज पर सनातनियों को एकजुट करने और सनातन धर्म पर आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए इस होर्डिंग के जरिए संदेश देने की कोशिश की गई है.