भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बीमा सखी योजना में 36 वर्षीय राखी त्यागी का चयन एक महत्वपूर्ण घटना बनकर सामने आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से इन महिलाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे, जिनमें राखी भी शामिल थीं। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में प्रभावी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। राखी त्यागी, जिनकी एक बेटी दसवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है और बेटा सातवीं कक्षा में है, ने इस योजना में भाग लेकर न केवल अपनी मेहनत का लोहा मनवाया, बल्कि प्रधानमंत्री से नियुक्ति पत्र प्राप्त करने में सफलता भी हासिल की।
राखी त्यागी का परिवार समाजसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। उनके पति जोगिंद्र त्यागी ने हाल ही में एक प्ले वे स्कूल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा देना है। राखी और उनके पति जोगिंद्र, दोनों ने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए हमेशा काम किया है। वे मूल रूप से गांव सनौली कलां के रहने वाले हैं और वर्तमान में उझा रोड पर सरकारी स्कूल के पास रहते हैं।
राखी का जीवन साधारण लेकिन प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की और घर के पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद अपनी शिक्षा और सामाजिक कार्यों को प्राथमिकता दी। उनका सपना था कि वे अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए एक स्थिर और सम्मानजनक पेशे में जाएं। यही कारण था कि जब उन्हें बीमा सखी योजना के बारे में पता चला, तो उन्होंने इसमें आवेदन किया और सफलतापूर्वक चुनी गईं।
बीमा सखी योजना का उद्देश्य और चयन प्रक्रिया
एलआईसी की बीमा सखी योजना का उद्देश्य विशेष रूप से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का है। इस योजना के तहत महिलाओं को बीमा एजेंट के रूप में कार्य करने का अवसर मिलता है। बीमा सखी बनने वाली महिला को प्रत्येक माह दो बीमा पॉलिसी बेचना होता है, जिसके लिए उन्हें सात हजार रुपये का मानदेय मिलता है और साथ ही कमीशन भी प्राप्त होता है।
यह योजना न केवल महिलाओं को रोजगार प्रदान करती है, बल्कि उन्हें समाज में जागरूकता फैलाने का भी अवसर देती है। इस योजना में शामिल महिलाओं को समाज के हर तबके तक बीमा उत्पादों के बारे में जानकारी पहुँचानी होती है, ताकि लोग अपनी वित्तीय सुरक्षा के लिए सही कदम उठा सकें।
राखी त्यागी ने इस योजना में आवेदन करने के बाद पहले लिखित परीक्षा दी, जिसे उन्होंने अच्छे अंक के साथ पास किया। इसके बाद दो मौखिक साक्षात्कार लिए गए, जिनमें राखी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। देशभर से दस महिलाओं को अंतिम चयन के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिनमें राखी भी शामिल थीं। इसके बाद एलआईसी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा फिर से एक साक्षात्कार लिया गया, जिसमें पांच महिलाओं का चयन किया गया और राखी इस चयनित समूह में शामिल हुईं।
प्रधानमंत्री से नियुक्ति पत्र प्राप्त करना
राखी त्यागी समेत जिन पांच महिलाओं का चयन हुआ, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 दिसंबर को एक भव्य कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र सौंपे। यह कार्यक्रम सेक्टर 13-17 में आयोजित किया गया, जहां प्रधानमंत्री ने इन महिलाओं को उनके कार्य के लिए सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में बंगलुरु से अनीता, त्रिपुरा से शोभा-डे, हिमाचल प्रदेश से संगीता और गाजियाबाद से सायदा भी शामिल थीं।
प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र प्राप्त करना राखी और उनके परिवार के लिए एक गर्व का क्षण था। इस अवसर पर राखी और उनके परिवार को कड़ी सुरक्षा के तहत कार्यक्रम स्थल पर लाया गया था। रविवार दोपहर से लेकर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद तक, प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की। कार्यक्रम के बाद, जब वे अपने घर पहुंचे, तो वहां उनके परिवार और रिश्तेदारों से बधाई का सिलसिला शुरू हो गया।
बीमा सखी योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाले लाभ
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को केवल रोजगार प्रदान करना नहीं है, बल्कि उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सक्षम बनाना भी है। बीमा सखी बनने वाली महिलाओं को न केवल हर माह मानदेय मिलता है, बल्कि उन्हें बीमा पॉलिसी बेचने पर अतिरिक्त कमीशन भी मिलता है। इसके माध्यम से वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकती हैं और समाज में अपनी पहचान बना सकती हैं।
राखी ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य समाजसेवा है और वे इस योजना के माध्यम से लोगों को बीमा के लाभों के बारे में जागरूक करना चाहती हैं। उनका मानना है कि बीमा योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने से लोग अपनी वित्तीय सुरक्षा के लिए बेहतर निर्णय ले पाएंगे और समाज में बीमा के महत्व को समझ सकेंगे।
राखी त्यागी की सफलता की कहानी
राखी की सफलता एक प्रेरणा है, जो यह दर्शाती है कि अगर कोई महिला अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित है और कठिनाइयों का सामना करते हुए सही दिशा में प्रयास करती है, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकती है। राखी ने अपने परिवार और समाज में बदलाव लाने के लिए हमेशा अपनी मेहनत और लगन को प्राथमिकता दी है।
जब राखी के पति जोगिंद्र त्यागी को इस योजना के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने अपनी पत्नी को इसके लिए प्रेरित किया। जोगिंद्र के दोस्त आनंद कौशिक, जो एलआईसी में बीमा एजेंट हैं, ने उन्हें इस योजना के बारे में बताया और राखी का आवेदन कराया। इसके बाद, राखी ने इस योजना के बारे में पूरी जानकारी हासिल की और सफलतापूर्वक इसके साक्षात्कारों को पास किया।
समाज में बदलाव लाने की दिशा में आगे बढ़ते कदम
राखी त्यागी का मानना है कि इस योजना के माध्यम से वे समाज में बदलाव ला सकती हैं। समाज में महिलाओं को सशक्त करने का कार्य सिर्फ उनके खुद के लाभ के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के कल्याण के लिए है। उनका कहना है कि बीमा सखी योजना न केवल महिलाओं के लिए रोजगार का अवसर है, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है।
राखी के अनुसार, इस योजना के तहत काम करने से न केवल वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार पाएंगी, बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी बीमा योजनाओं के महत्व के बारे में जागरूक कर सकेंगी। वे मानती हैं कि महिलाओं का सशक्तिकरण समाज में एक बड़ा बदलाव ला सकता है, और वे इस दिशा में काम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।