Maharashtra में देवेंद्र फडणवीस सरकार का कैबिनेट विस्तार अगले हफ्ते होने की संभावना है। पिछले कुछ दिनों से राज्य में सरकार के गठन और विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस विस्तार को लेकर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 11 और 12 दिसंबर को महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार हो सकता है। अब इस सवाल का जवाब मिलने वाला है कि राज्य के कौन से दलों को कितने मंत्री पद मिलेंगे और विभागों का बंटवारा किस तरह होगा।
देवेंद्र फडणवीस सरकार का गठन
Maharashtra में हाल ही में नई सरकार का गठन हुआ है, जिसमें मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने शपथ ली है। इस सरकार के गठन के बाद राज्य में सबसे बड़ा सवाल यह था कि कैबिनेट विस्तार कब होगा, और मंत्रालयों के बंटवारे का क्या फैसला होगा। हालाँकि, अब इसे लेकर एक संभावित तारीख सामने आई है और अब तक यह तय हो गया है कि कैबिनेट विस्तार अगले हफ्ते 11 और 12 दिसंबर को हो सकता है।
महाराष्ट्र कैबिनेट में अभी तक कितने मंत्री हैं?
राज्य में फिलहाल सिर्फ तीन मंत्रियों की नियुक्ति हुई है: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार। हालांकि, Maharashtra की राज्य कैबिनेट में कुल 34 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें से कुछ मंत्री आगामी विस्तार के बाद शपथ ले सकते हैं। महाराष्ट्र में जिन दलों को मंत्री पद मिलेंगे, उनकी संख्या और विभागों के बंटवारे को लेकर काफी चर्चा हो रही है।
कैबिनेट में विभागों का बंटवारा
Maharashtra सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर तीन प्रमुख दलों – भाजपा, शिवसेना और एनसीपी – के बीच लगभग सहमति बन चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, विभागों के बंटवारे को लेकर अहम फैसले हो चुके हैं।
1. एनसीपी (नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी)
एनसीपी के नेता अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी को वित्त विभाग मिलने की संभावना है, जैसा कि पिछली सरकार में भी था। वित्त विभाग का महत्वपूर्ण मंत्रालय होना राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहम होता है। अजित पवार ने पहले भी वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था और उनका अनुभव इस विभाग में लाभकारी साबित हो सकता है। पार्टी को अन्य विभागों का भी जिम्मा मिल सकता है, जिनमें कृषि, खाद्य, नागरिक आपूर्ति जैसे मंत्रालय शामिल हो सकते हैं।
2. भा.ज.पा (भारतीय जनता पार्टी)
भा.ज.पा को सबसे अधिक मंत्री पद मिलने की संभावना है। भाजपा को 21 से 22 मंत्री पद मिल सकते हैं। भाजपा को गृह विभाग मिलने की संभावना है, जैसा कि पिछली सरकार में था। गृह विभाग एक महत्वपूर्ण मंत्रालय है, क्योंकि इसमें पुलिस, कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित सभी मुद्दे शामिल होते हैं। इसके अलावा, भाजपा को अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालय भी मिल सकते हैं, जैसे कि जल आपूर्ति, सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) आदि। भाजपा का मुख्य उद्देश्य राज्य में प्रशासनिक सुधारों को लागू करना और राज्य के विकास को तेज़ी से बढ़ावा देना है।
3. शिवसेना
शिवसेना को 11 से 12 मंत्री पद मिल सकते हैं। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को शहरी विकास विभाग और राजस्व विभाग मिल सकता है। शहरी विकास विभाग Maharashtra में बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर मुंबई जैसे बड़े शहरों के लिए। इसके तहत मेट्रो परियोजनाएं, बिल्डिंग निर्माण, बुनियादी ढांचा विकास आदि आते हैं। राजस्व विभाग भी राज्य के प्रशासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसमें भूमि विवादों के समाधान से लेकर किसानों से जुड़े मुद्दों का समाधान भी शामिल होता है। शिवसेना ने इन विभागों को अपने पास रखने की इच्छा जताई है और इसके लिए पार्टी ने अपने नेताओं को तैयार किया है।
कैबिनेट विस्तार के बाद कितने मंत्री होंगे?
राज्य में कुल 34 मंत्री पद हो सकते हैं, और इसके तहत महायुति गठबंधन के सबसे बड़े घटक भाजपा को 21-22 मंत्री पद मिलने की उम्मीद है। शिवसेना को 11 से 12 मंत्री पद और एनसीपी को 9 से 10 मंत्री पद मिल सकते हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि शपथ लेने वाले मंत्रियों की संख्या पर अंतिम फैसला एक या दो दिन में लिया जाएगा। यह संभावना है कि मंत्रियों की संख्या का फैसला गठबंधन के बीच बातचीत के बाद अंतिम रूप से लिया जाएगा।
विधानसभा का विशेष सत्र और राज्यपाल का संबोधन
नवनिर्वाचित विधायकों को शनिवार से शुरू होने वाले विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र में प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर शपथ दिलाएंगे। इस विशेष सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी किया जाएगा। चुनाव 9 दिसंबर को होगा, जिसके बाद नई सरकार को विश्वास मत प्राप्त होगा। इसके बाद राज्यपाल दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। राज्यपाल का संबोधन नई सरकार की प्राथमिकताओं और योजनाओं को स्पष्ट करेगा।
शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से नागपुर में
Maharashtra विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में शुरू होगा। यह सत्र राज्य की आर्थिक स्थिति, विकास योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अहम रहेगा। सरकार अपने नीतियों को स्पष्ट करने के साथ ही विपक्षी दलों के सवालों का भी सामना करेगी।
Maharashtra में कैबिनेट विस्तार और विभागों के बंटवारे का राजनीतिक असर राज्य की राजनीति पर गहरा हो सकता है। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर पहले भी मतभेद रहे हैं, लेकिन इस बार यह माना जा रहा है कि तीनों दलों के बीच सहमति बन चुकी है। कैबिनेट विस्तार के बाद सरकार को अपने कामकाजी मंत्रालयों के जरिए जनता के मुद्दों पर ध्यान देना होगा, खासकर किसानों, युवाओं और महिलाओं के मुद्दों पर।