पिछले दिनों चंडीगढ़ में हुए बम धमाकों की जांच में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। पुलिस के मुताबिक, इन धमाकों के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ था और इस गैंग का नया माड्यूल कॉलेज छात्रों को अपने जाल में फंसाकर अपराध की दुनिया में शामिल करना है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपितों, विनय कालवानी और अजीत सहरावत को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ में ये जानकारी सामने आई है।
पुलिस के मुताबिक विनय और अजीत से मिली जानकारी के बाद ये सामने आया है कि लॉरेंस गैंग विदेश में बैठे गोल्डी बराड़ और पानीपत के रणदीप मलिक जैसे बड़े अपराधियों के संपर्क में है। गैंग युवाओं को विदेश में बसाने और लग्जरी लाइफ के सपने दिखाकर उन्हें अपराध की दुनिया में शामिल कर रहा है। खासकर उन युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है जो कॉलेज जाते हैं और जो गांवों से आते हैं।
हिसार STF ने बताया कि गैंग ने हिसार और आसपास के जिलों के करीब 15 युवाओं को अपने जाल में फंसाया है। इन युवाओं से छोटे-छोटे अपराध करवाए जाते हैं, जैसे बम धमाके और चोरी की वारदातें। पुलिस इस गैंग के पूरे नेटवर्क को नष्ट करने के लिए हर कड़ी जोड़ने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि, इस बीच, पुलिस को ये भी पता चला कि, रणदीप मलिक और उसके साथी फर्जी कागजात के जरिए विदेश गए थे। वहीं, इसके साथ ही ये जानकारी भी सामने आई कि करनाल में विनय और अजीत को बम के साथ दो देसी पिस्टल भी मिली थीं, जिन्हें हिसार में हुई मुठभेड़ के दौरान बरामद किया गया।
चंडीगढ़ में बम धमाके करने के बाद लॉरेंस गैंग का अगला टारगेट गुरुग्राम था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गैंग ने गुरुग्राम के पब मालिकों को धमकी दी थी कि चंडीगढ़ की तरह उनके पब में भी धमाके किए जाएंगे। विनय और अजीत के पास चंडीगढ़ धमाके के बाद दो से तीन बम बच गए थे, जिनका इस्तेमाल गुरुग्राम में किया जा सकता था।