चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन स्थलों और तारीखों को लेकर शुक्रवार को आईसीसी की एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक होने जा रही है। इस बैठक में आईसीसी के 12 पूर्ण सदस्य देशों के प्रतिनिधि, तीन एसोसिएट देशों के सदस्य, एक स्वतंत्र निदेशक, और आईसीसी चेयरमैन तथा सीईओ शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य टूर्नामेंट की तारीखों और स्थलों पर अंतिम निर्णय लेना है, जो कि 19 फरवरी से प्रस्तावित है। हालांकि, बीसीसीआई द्वारा भारतीय टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार करने और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हाइब्रिड मॉडल को न मानने के कारण यह मुद्दा जटिल हो गया है।

दो प्रस्तावों पर विचार

आईसीसी पैनल के सामने दो प्रमुख प्रस्ताव रखे जा सकते हैं। पहला प्रस्ताव यह है कि भारत के ग्रुप चरण के तीन मैच किसी तटस्थ स्थान पर खेले जाएं। यदि भारतीय टीम नॉकआउट दौर में पहुंचती है, तो सेमीफाइनल और फाइनल भी किसी तटस्थ स्थान पर आयोजित किए जाएंगे। इस योजना के तहत, यूएई को एक संभावित स्थल के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान और यूएई की भौगोलिक निकटता से अन्य टीमों को यात्रा करने में आसानी होगी। दूसरा प्रस्ताव यह है कि यदि भारतीय टीम नॉकआउट में क्वालिफाई नहीं करती, तो सेमीफाइनल और फाइनल पाकिस्तान में आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए सदस्य देशों के बीच मतदान हो सकता है, और बहुमत का फैसला अंतिम होगा। इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को अपनी दिशा तय करनी होगी।

आकाश चोपड़ा का बयान

इस बीच, पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन स्थल को लेकर भारत के रुख का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन भारत के बिना नहीं हो सकता। आकाश ने भारत सरकार के पाकिस्तान यात्रा से संबंधित फैसले का समर्थन करते हुए कहा, “भारत सरकार ही तय करती है कि राष्ट्रीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान जाएगी या नहीं। अगर उन्होंने पाकिस्तान यात्रा न करने का निर्णय लिया है, तो यह पूरी तरह से सही है। जहां भी यह टूर्नामेंट खेला जाएगा, वह भारत के बिना नहीं हो सकता।” आकाश ने यह भी कहा कि आईसीसी का कोई भी टूर्नामेंट भारत के बिना अधूरा होगा, और अंततः यह निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाएगा।

टूर्नामेंट का आयोजन

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन 19 फरवरी से 9 मार्च तक प्रस्तावित है, और यह टूर्नामेंट 19 दिन तक चलेगा। इस टूर्नामेंट के लिए अब तक के सभी पहलुओं को अंतिम रूप देना जरूरी था, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच के राजनीतिक तनाव और सुरक्षा चिंताओं के कारण यह मामला अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। अब देखना यह है कि आईसीसी पैनल का निर्णय किस दिशा में जाता है और भारत सरकार द्वारा लिया गया निर्णय टूर्नामेंट के आयोजन पर क्या प्रभाव डालेगा।

 

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