महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय राज्य की राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत देता है, और इसके साथ ही महाराष्ट्र में अगले मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। आज तक किसी एक नेता के नाम पर मुहर नहीं लगी है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और राजनीतिक सूत्रों से यह संकेत मिल रहे हैं कि महाराष्ट्र में आगामी मुख्यमंत्री पद पर एक नया नाम उभरकर सामने आ सकता है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का इस्तीफा राजभवन में सौंपा गया है, और इसके बाद वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की जिम्मेदारी संभालेंगे। राज्य सरकार का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है, और शाम तक नए मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय लिया जा सकता है। इस बदलाव को लेकर राज्य के राजनीतिक गलियारों में कई कयास लगाए जा रहे हैं, जिनमें से भाजपा और शिवसेना के बीच एक नई खींचतान उभर कर सामने आई है।

देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार

एकनाथ शिंदे का इस्तीफा: नई सरकार का मार्ग प्रशस्त

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी सरकार का कार्यकाल समाप्त होने से पहले इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। उनके इस्तीफे के बाद, राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपते हुए शिंदे ने स्पष्ट किया कि वह अगले मुख्यमंत्री के चुनाव तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की जिम्मेदारियां संभालेंगे। हालांकि, इस कदम को लेकर कई राजनीतिक विश्लेषक और विपक्षी दलों में चर्चा चल रही है, क्योंकि शिंदे के इस्तीफे के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का चुनाव कौन करेगा।

एकनाथ शिंदे का इस्तीफा कुछ समय से चल रही राजनीतिक असमंजस की स्थिति का नतीजा माना जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से राज्य सरकार के अंदर उथल-पुथल का माहौल था, और राजनीतिक दलों के बीच गहरे मतभेद सामने आ रहे थे। शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर यह सुनिश्चित किया कि जल्द से जल्द एक स्थिर सरकार का गठन किया जाए।

भा.ज.पा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान की स्थिति बनी हुई है। विधानसभा चुनावों में भाजपा ने बहुमत प्राप्त किया था, और शिवसेना ने गठबंधन में शामिल होकर सरकार बनाने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लिया था। अब यह चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा को मुख्यमंत्री पद देने पर सहमति बन चुकी है। इसके साथ ही, भाजपा की ओर से इस पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे उभरकर आ रहा है।

देवेंद्र फडणवीस, जो पहले भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, अब भाजपा के अंदर एक मजबूत नेता माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी को महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार बनाने की उम्मीद है। फडणवीस की सरकार के नेतृत्व में भाजपा ने कई बार अपनी राजनीतिक मंशा को स्पष्ट किया है, और पार्टी के सूत्रों के अनुसार उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बनी है।

लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में शिवसेना भी अपनी भूमिका को लेकर विरोध जता रही है। शिवसेना का यह तर्क है कि एकनाथ शिंदे, जो पार्टी के भीतर ही अलग हो गए थे और बगावत की थी, उनके नेतृत्व में भाजपा के साथ मिलकर सरकार का गठन हुआ था, इसलिए शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाए जाने की आवश्यकता है। शिवसेना के इस तर्क के सामने आने के बाद, भाजपा को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ा है।

शिवसेना का दबाव: एकनाथ शिंदे की मांग

शिवसेना का यह मुख्य मुद्दा बन चुका है कि महाराष्ट्र की सत्ता में भाजपा और शिवसेना का गठबंधन है, और इस गठबंधन के तहत शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया था। पार्टी के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना शिवसेना की लोकप्रियता और उसके कार्यकर्ताओं के सम्मान की बात है।

शिवसेना के नेता इस समय यह भी कह रहे हैं कि अगर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, तो पार्टी में और भी असंतोष और विरोध बढ़ सकता है, जो कि गठबंधन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। एकनाथ शिंदे के समर्थन में पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा शिवसेना के कई विधायक भी खुलकर सामने आए हैं।

यह एक बड़ी राजनीतिक जंग का रूप लेता जा रहा है, जहां शिवसेना के नेताओं का मानना है कि मुख्यमंत्री पद पर उनका हक बनता है, क्योंकि उनके पास प्रदेश में सबसे अधिक जन समर्थन है। हालांकि, भाजपा की स्थिति इस मुद्दे पर पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है, क्योंकि पार्टी के अंदर भी एक विचारधारा की भिड़ंत है।

भा.ज.पा और राकांपा के बीच डिप्टी सीएम की दौड़

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महायुति में भाजपा को मुख्यमंत्री पद देने पर सहमति बन चुकी है, लेकिन इसके साथ ही भाजपा और राकांपा के बीच डिप्टी मुख्यमंत्री के पद को लेकर बातचीत चल रही है। खबरें हैं कि एक डिप्टी सीएम का पद राकांपा के पास जाएगा, जबकि दूसरा पद शिवसेना के गुट को दिया जाएगा।

यह स्थिति भाजपा के लिए एक चुनौती हो सकती है, क्योंकि राकांपा और शिवसेना के बीच गठबंधन की प्रकृति जटिल है, और दोनों ही दल अपने-अपने पदों को लेकर राजनीतिक दबाव बना रहे हैं। इन राजनीतिक दबावों के कारण अगले मुख्यमंत्री के चुनाव में देर हो सकती है, लेकिन इसके बावजूद भाजपा की तरफ से जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की जा रही है।

नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस का उभरता नाम

इस बीच, महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे प्रमुख रूप से उभरकर सामने आ रहा है। फडणवीस, जो पहले भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, भाजपा के मजबूत और अनुभवी नेताओं में से एक माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में भाजपा को महाराष्ट्र में सत्ता स्थापित करने का पर्याप्त अनुभव है।

देवेंद्र फडणवीस का नाम न केवल भाजपा के अंदर बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के बीच भी सुर्खियों में है। उनका नाम ऐसे समय में उभरा है जब राज्य के राजनीतिक हालात अनिश्चितता की स्थिति में थे। पार्टी के अंदर फडणवीस को एक स्थिर और कड़ी रणनीति बनाने वाला नेता माना जाता है, जो राज्य में भाजपा को एक मजबूत स्थान दिला सकता है।