अगर पाकिस्तान से आगामी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी के अधिकार छीन लिए गए तो पाकिस्तान इस टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले सकता है। यह चेतावनी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के सूत्रों के हवाले से द डॉन ने दी है। पाकिस्तान पर इस समय मेजबानी के अधिकार खोने का खतरा मंडरा रहा है, खासकर तब जब भारतीय टीम को पाकिस्तान भेजने के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के इनकार के बाद पाकिस्तान ने विरोध जताया है।

भारत ने पहले ही अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान यात्रा करने से मना कर दिया है, और इसके बाद पाकिस्तान ने आईसीसी को यह संकेत दिया है कि यदि उसे मेजबानी से वंचित किया गया तो वह इस टूर्नामेंट से बाहर हो सकता है। पीसीबी ने द डॉन को बताया कि अगर चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन पाकिस्तान से बाहर किया गया, तो पाकिस्तान सरकार पीसीबी को निर्देश दे सकती है कि वह इस टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले ले।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने अपनी सरकार के साथ इस मसले पर बातचीत शुरू कर दी थी।

इससे पहले, पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने भारत के इनकार के बाद पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत शुरू की थी। नकवी ने रविवार को इस मुद्दे पर उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा की और इस बारे में पाकिस्तान सरकार को सूचित किया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पुष्टि की कि भारत ने आगामी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान यात्रा करने से साफ इनकार कर दिया है।

हाइब्रिड मॉडल क्या है?

भारत के इस निर्णय के बाद, पाकिस्तान ने हाइब्रिड मॉडल के तहत भारत को तटस्थ स्थान पर मैच खेलने का प्रस्ताव खारिज कर दिया था। हाइब्रिड मॉडल के तहत भारत अपने मैच किसी तटस्थ स्थल पर खेल सकता था, जबकि बाकी के मैच पाकिस्तान में आयोजित किए जाते। यह मॉडल एशिया कप 2023 में अपनाया गया था, लेकिन अब भारत के इनकार के बाद आईसीसी टूर्नामेंट को पाकिस्तान से बाहर किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करने पर विचार कर रहा है।

पाकिस्तान की यह भी गीदड़भभकी

पीसीबी के सूत्रों ने द डॉन को बताया कि पाकिस्तान सरकार इस मसले को गंभीरता से देख रही है और यह भी संभावना है कि सरकार पीसीबी को निर्देश दे सकती है कि वह तब तक भारत के खिलाफ किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में न खेले, जब तक भारत अपनी नीति में बदलाव नहीं करता।

इससे पाकिस्तान और भारत के बीच क्रिकेट के बहिष्कार और राजनीतिक तनाव का एक नया मोर्चा खुल सकता है, जो पहले भी कई बार देखा गया है। पीसीबी के एक अधिकारी ने यह भी कहा कि नकवी, जो पाकिस्तान के संघीय आंतरिक मंत्री भी हैं, सरकार से प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आईसीसी और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस जटिल स्थिति में क्या कदम उठाते हैं, और यह विवाद अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन पर क्या असर डालता है।