भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश संजीव खन्ना को देश के 51वें मुख्य न्यायधीश (CJI) के रूप में शपथ दिलाई गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर राष्ट्रपति भवन में एक खास समारोह आयोजित किया गया, जिसमें उच्च न्यायालयों के अन्य न्यायधीशों, सरकारी अधिकारियों और न्यायिक समुदाय के सदस्य उपस्थित रहे।
संजीव खन्ना का जीवन परिचय
संजीव खन्ना का जन्म 1960 में हुआ था और वह दिल्ली उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायधीश के रूप में कार्यरत रहे हैं। उन्होंने 2004 में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायधीश के रूप में शपथ ली थी और इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में न्यायिक फैसले दिए। संजीव खन्ना न्यायिक जीवन में एक संतुलित दृष्टिकोण और संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं। उनके फैसले अक्सर समाज के कमजोर वर्गों के हक में होते हैं और उनका रुख न्याय की प्राप्ति को सुनिश्चित करने का होता है।
चीफ जस्टिस बनने की प्रक्रिया
संजीव खन्ना का नाम भारत के चीफ जस्टिस पद के लिए वर्तमान मुख्य न्यायधीश एनवी रमण द्वारा प्रस्तावित किया गया था। उच्चतम न्यायालय के द्वारा पारंपरिक तौर पर सीनियर जस्टिस को चीफ जस्टिस बनाया जाता है, और संजीव खन्ना इसी परंपरा के तहत नियुक्त किए गए हैं।
संजीव खन्ना का कार्यकाल अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ है, और वह अगले कुछ वर्षों तक इस महत्वपूर्ण पद पर कार्य करेंगे।
चीफ जस्टिस के रूप में कर्तव्य
संजीव खन्ना को इस पद पर नियुक्ति के बाद कई अहम जिम्मेदारियों का निर्वाह करना होगा। उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में न्यायिक कार्यों का संचालन करना होगा और साथ ही वे कई संवैधानिक मामलों में निर्णय लेने के लिए प्रमुख भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, वह उच्चतम न्यायालय के समस्त न्यायधीशों के कार्यों की निगरानी भी करेंगे।
राष्ट्रपति ने दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को उनके नए पद पर बधाई दी और उनके समर्पण, अनुभव और न्यायिक बुद्धिमत्ता की सराहना की। राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में न्यायपालिका और मजबूत होगी और भारतीय संविधान के मूल्यों की रक्षा होगी।