दीवाली के मौके पर रिलीज हुई फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ ने दर्शकों के बीच उत्सुकता पैदा की है। इस फिल्म का मूल कथानक सौतेले भाई-बहनों के बीच की साजिशों पर आधारित है, जो आज के समय में रिश्तों की संवेदनशीलता को उजागर करता है। इस कड़ी में निर्देशक अनीस बज्मी ने हमें एक ऐसा मायाजाल प्रस्तुत किया है, जो शुरुआत में थोड़ी ढीली लगती है लेकिन आगे जाकर भरपूर मनोरंजन का अनुभव कराती है।

फिल्म की कहानी दो बेटियों के पिता की है, जो बेटे की चाह में अपनी महल की नौकरानी की ओर बढ़ते हैं। सौतेला भाई अपने बहनों का प्यार नहीं पा पाता, लेकिन उसे दोनों बहनों में ही अपने लिए दुनिया नजर आती है। इस जटिलता के बीच एक बड़ा खुलासा होता है, जो फिल्म की मौलिकता को और बढ़ाता है।

फिल्म के शुरुआत के पहले भाग में थोड़ी सुस्ती दिखाई देती है, लेकिन इंटरवल के बाद स्थिति में काफी सुधार होता है। दर्शकों को पहले घंटे के दौरान थोड़ी असुविधा हो सकती है, लेकिन माधुरी दीक्षित का प्रवेश कहानी को नया मोड़ देता है। कार्तिक आर्यन ने अपने किरदार में अक्षय कुमार की अदाकारी का असर दिखाने की कोशिश की है, लेकिन विद्या बालन और माधुरी दीक्षित के साथ उनकी तुलना में उनकी परफॉर्मेंस कहीं न कहीं फीकी पड़ जाती है।

मंजुलिका और क्लाइमेक्स

फिल्म का सबसे दिलचस्प पहलू मंजुलिका का किरदार है, जिसे विद्या बालन ने अद्भुत ढंग से निभाया है। फिल्म में उनके और राजपाल यादव के किरदारों ने दर्शकों को हंसाया और गुदगुदाया। क्लाइमेक्स में तीन अलग-अलग मोड़ हैं, जो कहानी को ताजा बनाए रखते हैं। कहानी दो सौ साल पहले की एक राजकुमारी की मनोभावनाओं को छूती है, जो पुनर्जन्म की कहानी को भी दर्शाती है।

संगीत और तकनीकी पहलू

फिल्म का संगीत प्रीतम का है, जिसमें ‘हरे राम, हरे कृष्णा’ और ‘अमि जे तोमार’ जैसे कालजयी गीत शामिल हैं। ये गाने फिल्म की भावना को बढ़ाते हैं और दर्शकों को एक अच्छा अनुभव प्रदान करते हैं।

अभिनय

अभिनय के मामले में, फिल्म पूरी तरह से माधुरी और विद्या पर निर्भर है। कार्तिक आर्यन ने भी कोशिश की है, लेकिन उनकी तुलना में दोनों दिग्गजों ने अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया। तृप्ति डिमरी की परफॉर्मेंस में कमी नजर आती है, जबकि संजय मिश्रा, अश्वनी कलेसकर और अन्य सहायक कलाकारों ने अपने अद्वितीय अंदाज में काम किया है।

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