Sanatan: तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में द्रमुक के प्लैटिनम जुबली समारोह के दौरान दिवाली की शुभकामनाएं दीं। यह द्रमुक के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि यह संभवतः पहला अवसर है जब पार्टी के किसी शीर्ष नेता ने हिंदू समुदाय को इस प्रकार की शुभकामनाएं दी हैं। उदयनिधि का यह बयान विभिन्न दृष्टिकोणों को उजागर करता है और पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगह चर्चा का विषय बन गया है।
उदयनिधि ने अपने संबोधन में “दीपा ओली थिरुनाल” का उल्लेख किया, जो दिवाली का तमिल नाम है। उन्होंने उन सभी लोगों को बधाई दी जो इस त्योहार को मनाते हैं और इसमें आस्था रखते हैं। दिवाली का त्योहार, जहां एक ओर उत्तर भारत में भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने का प्रतीक है, वहीं दक्षिण भारत में इसे भगवान कृष्ण और सत्यभामा की नरकासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। उदयनिधि का यह प्रयास दर्शाता है कि वह पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखते हुए धार्मिक संवेदनाओं का सम्मान कर रहे हैं।Sanatan
द्रमुक एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी है, जो अपनी धर्मनिरपेक्ष नीतियों के लिए जानी जाती है। पार्टी के इतिहास में धार्मिक त्योहारों के प्रति इस तरह का सार्वजनिक समर्थन शायद ही कभी देखा गया है। उदयनिधि की शुभकामनाएं न केवल हिंदू समुदाय के प्रति एक सकारात्मक संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि द्रमुक अब अपने आधार को विस्तारित करने की कोशिश कर रही है।Sanatan
उदयनिधि के इस बयान पर प्रदेश भाजपा नेता नारायणन तिरुपति ने सोशल मीडिया पर एक कटाक्ष किया, जिसमें उन्होंने कहा, “जो लोग आस्थावान नहीं हैं, उन्हें नरकासुर की तरह जीने की शुभकामनाएं।” यह बयान उस राजनीतिक सन्दर्भ को दर्शाता है जिसमें दोनों प्रमुख पार्टियां एक-दूसरे पर तंज कसने की कोशिश कर रही हैं। भाजपा का यह तर्क, द्रमुक की राजनीति को चुनौती देने के लिए एक नया प्लेटफॉर्म प्रस्तुत करता है।Sanatan