हाल ही में पानीपत में आयोजित मैराथन ने एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्थापित किया। इस आयोजन में हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें बच्चे, युवा, महिलाएं, बुजुर्ग और दिव्यांग शामिल थे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस भव्य आयोजन का उद्घाटन किया और पानीपत के लोगों को बधाई दी। उन्होंने इस मौके पर बताया कि पानीपत की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान की शुरुआत की थी, जो समाज में महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मैराथन का मार्ग पानीपत के सेक्टर 13 से 17 के बीच निर्धारित किया गया था। रविवार की सुबह, यह कार्यक्रम प्रारंभ हुआ, जिसमें तीन वर्गों में दौड़ का आयोजन किया गया: पांच किलोमीटर, दस किलोमीटर, और 21 किलोमीटर। इस मैराथन में भाग लेने वाले धावकों की संख्या ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया।
सीएम सैनी ने हरी झंडी दिखाकर मैराथन को रवाना किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल एक खेल प्रतियोगिता है, बल्कि स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रयास भी है। पानीपत की इस मैराथन में शामिल होकर, उन्होंने यह संदेश दिया कि स्वस्थ शरीर और मन ही विकास का आधार हैं।
21 किलोमीटर दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विजेता को 1.21 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया, जबकि 10 किलोमीटर और 5 किलोमीटर के विजेताओं को क्रमशः एक लाख रुपये का इनाम दिया गया। इसके अतिरिक्त, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले धावकों को भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार व्यवस्था धावकों को प्रोत्साहित करने का एक तरीका है, ताकि वे खेल के प्रति और अधिक रुचि दिखाएं।
इस कार्यक्रम में सीएम के अलावा मंत्री कृष्ण लाल पंवार, महिपाल ढांडा, विधायक मनमोहन भडाना और प्रमोद विज भी उपस्थित रहे। मैराथन कार्यक्रम स्थल पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया, जिसमें ओलंपिक विजेता अमन और नवदीप भी शामिल हुए। इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए कई स्वागत द्वार बनाए गए थे, और कार्यक्रम स्थल पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा गया था।
धावकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए फिजियोथेरपी की एक टीम भी मौजूद थी, जो दौड़ के दौरान किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का तुरंत समाधान कर सकती थी। मैराथन के लिए लगभग 53,950 धावकों ने पंजीकरण करवाया था, जिसमें से 50,985 ने 5 किलोमीटर, 1,854 ने 10 किलोमीटर, और 1,147 ने 21 किलोमीटर के लिए पंजीकरण कराया था।