हरियाणा की 15वीं विधानसभा का सत्र आज से शुरू हो गया है, और यह सत्र कुछ अलग नजर आ रहा है। पिछले सत्र में जिन विधायकों की आवाजें सदन में गूंजती थीं, वे इस बार गायब हैं। 14वीं विधानसभा में प्रमुख विपक्षी आवाजें और अनुभवी विधायक अब इस सत्र में उपस्थित नहीं हैं, जिससे नए चेहरों की एक नई लहर देखने को मिल रही है।

प्रोटेम स्पीकर की शपथ

सत्र की शुरुआत में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सबसे सीनियर विधायक रघुवीर कादियान को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। रघुवीर कादियान अब अन्य विधायकों को शपथ दिलाएंगे। इस बार विधानसभा में कुल 40 विधायकों ने पहली बार शपथ ली, जिनमें भाजपा के 23 और कांग्रेस के 13 विधायक शामिल हैं। यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि नई आवाजें और विचार सदन में नई ऊर्जा लाएंगे।

प्रमुख उपस्थितगियाँ

शपथ समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कैबिनेट मंत्री अनिल विज, और अरविंद शर्मा सहित अन्य प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे। इस सत्र में कई नए विधायक शामिल हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। नए चेहरों के आने से हरियाणा की राजनीति में संभावित बदलावों की आशा जगी है।

पूर्व विधायकों की अनुपस्थिति

इस बार विधानसभा में कई पुराने चेहरों की आवाज सुनाई नहीं देगी। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला, पूर्व नेता प्रतिपक्ष किरण चौधरी, और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जैसे प्रमुख नेता अब सदन में उपस्थित नहीं हैं। मनोहर लाल अब केंद्र में चले गए हैं, जबकि किरण चौधरी राज्यसभा में अपनी नई भूमिका निभा रही हैं। इसके अलावा, कई विधायक चुनाव हार गए हैं, जिससे सदन में एक नई राजनीतिक स्थिति उत्पन्न हुई है।

नए चेहरों का महत्व

नए विधायकों का इस सत्र में प्रवेश हरियाणा की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का संकेत है। ये नए विधायक नए विचार और नई ऊर्जा लाएंगे, जो प्रदेश के विकास और कल्याण के लिए आवश्यक हैं। हरियाणा की विधानसभा में अब युवा और उर्जावान चेहरे अधिक संख्या में होंगे, जो कि भविष्य में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायक होंगे।

विकास के लिए नई दिशा

इस सत्र में विधायकों का लक्ष्य राज्य के विकास को आगे बढ़ाना है। नए विधायक किसानों, युवाओं, महिलाओं और खेलों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का संकल्प ले रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे सदन में अपनी आवाज उठाकर राज्य के विकास में योगदान कर सकेंगे।

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