प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में आतंकवादी हमले की धमकी देने वाला एक 11वीं कक्षा का छात्र गिरफ्तार किया गया है। यह छात्र बिहार के पूर्णिया जिले का निवासी है, और उसने फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाकर महाकुंभ में आतंकी वारदात करने की धमकी दी थी। यह मामला 31 दिसंबर 2024 को सामने आया जब धमकी से संबंधित स्क्रीनशॉट वायरल हुए थे। स्क्रीनशॉट में महाकुंभ मेला स्थल पर आतंकवादी हमले की योजना और कई लोगों की जान लेने की धमकी दी गई थी। मेला पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस छात्र को गिरफ्तार किया और उसे बिहार के पूर्णिया से प्रयागराज लाया जा रहा है।

धमकी भरे इस पोस्ट से समाज में दहशत फैल गई थी, और मामले की गंभीरता को देखते हुए मेला पुलिस ने साइबर पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने स्क्रीनशॉट की जांच की और आईपी एड्रेस के माध्यम से आरोपी की लोकेशन का पता लगाया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पोस्ट बिहार के पूर्णिया से किया गया था। इसके बाद पुलिस ने पूर्णिया में दबिश दी और शनिवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

स्क्रीनशॉट और इंस्टाग्राम अकाउंट की जांच

यह घटना 31 दिसंबर 2024 को सामने आई, जब एक इंस्टाग्राम अकाउंट से स्क्रीनशॉट वायरल हुए थे। इस अकाउंट से न केवल महाकुंभ में आतंकी वारदात करने की धमकी दी गई, बल्कि एक समुदाय के बारे में अपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल भी किया गया था। स्क्रीनशॉट में यह दिखाया गया था कि धमकी देने वाला व्यक्ति खुद को भवानीपुर, पूर्णिया (बिहार) का निवासी बता रहा था। पुलिस को जब यह जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत साइबर पुलिस और तीन अलग-अलग टीमें गठित कीं, जो इस मामले की जांच के लिए बिहार भेजी गईं।

फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट का नाम नसर पठान था, और उसी अकाउंट से धमकी भरी पोस्ट की गई थी। जांच में यह सामने आया कि धमकी देने वाला युवक उस अकाउंट से बातचीत कर रहा था और उसने खुद को भवानीपुर, पूर्णिया का निवासी बताया था। इस पोस्ट ने कई लोगों को चौंका दिया और पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया। मामले की जांच में यह भी पता चला कि इस युवक का एक दोस्त नसर पठान था, जिससे उसे कुछ दिनों पहले विवाद हुआ था, और उसने उसे फंसाने के लिए यह कदम उठाया था।

आरोपी का पहचान और गिरफ्तारी

पुलिस ने सबसे पहले इस फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट के आईपी एड्रेस का पता लगाया, जो बिहार के पूर्णिया जिले के भवानीपुर शहीदगंज से लिया गया था। इसके बाद तीन अलग-अलग पुलिस टीमों को बिहार भेजा गया, जिन्होंने पूर्णिया में कई स्थानों पर दबिश दी और आरोपी की तलाश शुरू की। पुलिस को सटीक लोकेशन मिलने के बाद शनिवार को बिहार पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह 11वीं कक्षा का छात्र है और नाबालिग है। उसने यह भी खुलासा किया कि नसर पठान उसका दोस्त था, और दोनों के बीच कुछ दिन पहले विवाद हुआ था। इस विवाद से नाराज होकर उसने फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बना लिया और धमकी भरा पोस्ट किया, ताकि नसर पठान को फंसाया जा सके।

आरोपी ने यह भी बताया कि उसने यह धमकी भरा संदेश पोस्ट करने से पहले नसर पठान के नाम से फर्जी अकाउंट बनाया था। इससे पहले यह युवक कभी किसी बड़ी कानूनी समस्या में नहीं पड़ा था, और उसका यह कदम पूरी तरह से दोस्ती के विवाद से प्रेरित था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के बाद उसे प्रयागराज लाने के लिए भेज दिया है, जहां आगे की पूछताछ और विधिक कार्रवाई की जाएगी।

धमकी का उद्देश्य और पुलिस की प्रतिक्रिया

आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसका उद्देश्य महाकुंभ मेला में आतंकी हमले की योजना बनाना नहीं था, बल्कि उसने यह धमकी सिर्फ नसर पठान को फंसाने के लिए दी थी। पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, इस तरह की धमकी का उद्देश्य केवल एक दोस्त को परेशान करना था, लेकिन यह कदम किसी बड़े सुरक्षा संकट का कारण बन सकता था। मेला पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया और महाकुंभ के दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस मामले की तुरंत जांच शुरू कर दी थी।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी का यह कदम न केवल कानून की अवहेलना थी, बल्कि यह महाकुंभ मेला की सुरक्षा में भी एक बड़ी रुकावट उत्पन्न कर सकता था। महाकुंभ के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, और ऐसे में किसी भी प्रकार की धमकी से भारी नुकसान हो सकता था। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार किया। यह पुलिस की तत्परता और साइबर अपराधों की जांच की एक मिसाल भी है।

साइबर अपराध और सोशल मीडिया के खतरे

यह घटना एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे सोशल मीडिया और साइबर प्लेटफार्मों का दुरुपयोग हो सकता है। फर्जी अकाउंट और धमकी भरे पोस्ट समाज में डर और असुरक्षा का माहौल बना सकते हैं। पुलिस ने इस मामले में साइबर अपराधों की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की, और यह दिखाया कि सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी तरह की धमकी को गंभीरता से लिया जाएगा। इसके साथ ही, यह घटना यह भी बताती है कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की गतिविधि का तुरंत ट्रैकिंग और जांच की आवश्यकता है, ताकि ऐसे मामलों का समय रहते समाधान किया जा सके।

आगे की कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया

आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसे प्रयागराज लाया जाएगा, जहां मेला पुलिस उसकी विस्तृत पूछताछ करेगी। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उसे उसकी उम्र के हिसाब से कानूनी प्रक्रिया के तहत न्याय दिलाया जाएगा। हालांकि आरोपी नाबालिग है, फिर भी उसकी करतूत ने समाज में एक बड़ा सुरक्षा सवाल खड़ा किया है। पुलिस को उम्मीद है कि इस मामले के माध्यम से एक कड़ा संदेश जाएगा, और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकेगा।

समाज में चेतावनी

इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग करने से न केवल कानूनी परेशानियां हो सकती हैं, बल्कि यह समाज में असुरक्षा का भी कारण बन सकता है। यह घटना साइबर अपराधों और सोशल मीडिया पर फैलने वाली धमकियों के बारे में समाज को जागरूक करने के लिए एक बड़ी चेतावनी है। साथ ही, यह भी स्पष्ट करता है कि बच्चों और युवाओं को सोशल मीडिया के दुरुपयोग के खतरों के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है।

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