रविवार सुबह-सुबह जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में मूसलाधार बारिश और बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन जैसे घटनाएं हुई। वहीं, इस आपदा में तीन लोगों की मौत हो गई। सड़कों, मकानों और दुकानों को काफी नुकसान पहुंचा। अधिकारियों ने बताया कि, इस भीषण आपदा में 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
बता दें कि, भूस्खलन और बादल फटने से 250 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया। यह राजमार्ग कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों को जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता है। नाशरी से बनिहाल के बीच तकरीबन दर्जनभर जगहों पर पहाड़ियों से मलबे गिरने से रास्ता बंद हो गया है जिससे सैकड़ों वाहन फंस गए है।
रामबन में बादल फटने के बाद भारतीय सेना ने राहत अभियान शुरू कर दिया है। वहीं, नेशनल हाईवे 44 पर फंसे यात्रियों को खाना, मेडिकल हेल्प और शल्टर प्रदान करने के लिए क्यूआरटी तैनात की गई है। जबकि, सेना के 8 टुकड़ियां स्टैंडबाय पर है और निकासी भी जारी है। वहीं, ऐसा बताया जा रहा है कि सड़क से मलबा हटाने और यातायात को फिर से बहाल करने में 48 घंटों का समय लग सकता है।
वहीं, सीरी बगना गांव में बादल फटने की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि, गांव के एक निकासी ने बताया कि, सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर बादल फटने की जोरदार आवाज सुनाई दी उसके तुरंत बाद ही चीख-पुकार मच गई।