कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान खड़गे ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। देश का हर नागरिक इसमें भाग लेने के लिए उत्सुक है। भारत पूरी दुनिया में अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों के लिए जाना जाता है। किसी भी लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव अनिवार्य होता है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दल के लिए लेवल प्लेयिंग फील्ड हो। ये नहीं कि जो सत्ता में है, संसाधनों पर उनकी मोनोपॉली हो और देश की संस्थाओं पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उनका नियंत्रण हो। ये नहीं कि उनका मीडिया पर एकाधिकार हो। और ना ही सत्ताधारी दल का संवैधानिक तथा न्यायिक संस्था जैसे आईटी, ईडी, चुनाव आयोग पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष नियंत्रण हो।

खड़गे ने कहा, “दुर्भाग्य से पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद चुनावी बॉन्ड के बारे में जो तथ्य निकलकर सामने आए, वो बहुत ही चिंताजनक और शर्मनाक हैं। इससे हमारे देश की छवि को ठेस पहुंची है। हमारे देश ने पिछले 70 सालों में निष्पक्ष चुनाव और स्वास्थ्य लोकतंत्र की छवि बनाई थी। उस पर आज प्रश्नचिन्ह उठ गया है।”

उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को गैरकानूनी और असंवैधानिक कहा है, उसी की मदद से मौजूदा सत्ताधारी दल ने हजारों करोड़ रुपए से ज्यादा अपने अकाउंट में भर लिया और दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है ताकि हम पैसे के अभाव से बराबरी से चुनाव न लड़ पाएं, ये सत्ताधारी दल द्वारा एक खतरनाक खेल है। इसके दूरगामी प्रभाव होंगे। इस देश में लोकतंत्र को बचाना है तो बराबरी का मैदान होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश की जनता, एक आम नागरिक ये देख सकता है कि भाजपा ने चुनावी चंदा बॉन्ड से 56 फीसदी पैसे हथियाए हैं, वहीं कांग्रेस को मात्र 11 प्रतिशत ही मिले हैं। ये वो पैसे हैं जो बॉन्ड से भाजपा ने लिए हैं। इसके अलावा जो कैश में इनके पास आता होगा, उसका तो कोई अकाउंट ही नहीं है। आप इनके खर्चे देखें। हर तरफ इनका विज्ञापन लगा है। रोज़ अख़बार, टीवी, रेडियो, इंटरनेट, करोड़ों रुपये की बड़ी-बड़ी रैलियां, रोड शो हो रहे हैं। देश के हर जिले में 5 स्टार भाजपा दफ्तर बने हैं। कहां से पैसे आये? क्या ये बिना पैसे के हो रहे हैं?

खड़गे ने कहा कि भाजपा ने किस तरीके से कंपनियों से ये पैसे लिए हैं। सुप्रीम कोर्ट तथ्यों की जांच कर रहा है। हमें उम्मीद है कि सच्चाई बहुत जल्द हम सब के सामने आयेगी और देश के संवैधानिक संस्थाओं से अपील करता हूं कि अगर वो फ्री और फेयर इलेक्शन चाहते हैं तो हमारी पार्टी को बग़ैर किसी रोक-टोक के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने दें।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा कि जो इनकम टैक्स का क्लेम है वो अंततः कोर्ट के निर्णय के अनुसार निपटारा हो जाएगा। राजनीतिक दल टैक्स नहीं देते, भाजपा ने कभी नहीं दिया, इसके बाद भी अगर हमसे यह मांगा जा रहा है, तो हम न्यायालय के अंतिम निर्णय का इंतज़ार करेंगे।

चुनाव प्रचार में खर्च नहीं कर सके तो चुनाव किस बात का – सोनिया गांधी

वहीं, सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लोगों से इकट्ठा किए गए फंड को फ्रीज कर दिया गया है। इस चुनौतिपूर्ण स्थिति में भी हम प्रभावशाली चुनाव प्रचार का प्रयास कर रहे हैं। अलोकतांत्रिक तरीके से कांग्रेस के फंड पर जानबूझकर हमला किया जा रहा है।

सोनिया गांधी ने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है। अगर कांग्रेस किसी भी तरह से चुनाव प्रचार में खर्च नहीं कर सके तो चुनाव किस बात का। पिछले एक महीने से हम अपने 285 करोड़ का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। उधर, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के पास अपने प्रचार पर खर्च करने के लिए फंड नहीं है। खाते सीज होने के कारण वह उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए फंड नहीं दे पा रही है। हमें विज्ञापन के स्लॉट बुक करने हैं। अखबारों, सोशल मीडिया पर विज्ञापन देने हैं, लेकिन हम वह सब नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि 7 साल पहले मोतीलाल बोरा व 1994-95 में सीताराम केसरी के जमाने का नोटिस भी हमें भेजा गया है। यदि सरकार इसी तरह से कार्य करेगी तो महात्मा गांधी के जमाने का नोटिस भी कांग्रेस को अब भेजा जा सकता है। अजय माकन ने बताया कि हमने मात्र 30 दिन लेट अपने अकाउंट जमा किए। कानून के मुताबिक इसके लिए केवल 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।

हालांकि हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया गया। 115 करोड़ रुपए हमारे बैंक अकाउंट से जबरन ले लिए गए। इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा कि हमारे सभी बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं। देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के खाते चुनाव के समय सीज किए गए हैं। उन्होंने इसे एक आपराधिक गतिविधि बताया।

राहुल गांधी ने कहा कि हम चुनाव प्रचार पर पैसे खर्च नहीं कर पा रहे हैं। हमारे नेता यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। हवाई जहाज तो छोड़िए हमारे पास रेल यात्रा के लिए भी पैसे नहीं है। देश की 20 प्रतिशत जनता ने हमें वोट दिया है लेकिन हम किसी भी चीज पर 2 रुपए तक खर्च नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 1 महीने पहले कांग्रेस पार्टी के सारे बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए। हैरानी की बात यह है कि किसी भी अदालत या चुनाव आयोग ने इस पर कुछ भी नहीं कहा। आज स्थिति यह है कि हम अपने नेताओं को एक शहर से दूसरे शहर नहीं भेज सकते।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि इनकम टैक्स का एक्ट यह साफ कहता है कि ज्यादा से ज्यादा 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के खिलाफ क्रिमिनल एक्शन लिया गया है। वहीं, उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं से अपील करते हुए कहा कि इसके खिलाफ कुछ करें।

 

By admin