कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा सांसद वरुण गांधी को ऑफर दिया है। चौधरी ने कहा कि उन्हें कांग्रेस में आना चाहिए। हमें खुशी होगी। वह एक शिक्षित व्यक्ति हैं। उनकी छवि साफ है। भाजपा ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह गांधी परिवार से हैं। मुझे लगता है कि उन्हें कांग्रेस में आना चाहिए।
दरअसल, भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की 5वीं सूची जारी की तो उसमें वरुण गांधी का नाम नहीं था। उनकी पीलीभीत सीट पर पूर्व कांग्रेसी नेता और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट दिया गया है। हालांकि वरुण गांधी की मां मेनका गांधी की सीट और टिकट बरकरार है। उन्हें सुल्तानपुर लोकसभा सीट से उतारा गया है।
आगे क्या करेंगे वरुण गांधी?
वरुण गांधी के खिलाफ उत्तर प्रदेश भाजपा में काफी नाराजगी थी। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय चुनाव समिति में भी उनके नाम पर आपत्ति जताई गई है। इसलिए सूची जारी होने से पहले लगभग तय था कि उनका टिकट इस बार चुनाव में कट रहा है। ऐसे में सवाल है कि वरुण गांधी का अगला कदम क्या होगा। सूत्रों का कहना है कि वरुण का कहना है कि उनके साथ छल हुआ है। अब वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।
किस छल का इशारा कर रहे वरुण?
वरुण गांधी अपने करीबियों से कह रहे हैं कि उनके साथ छल हुआ है। आखिरकार छल क्या है? राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि 5वीं सूची में भाजपा ने वरुण को बेटिकट किया तो उनकी मां मेनका गांधी को सुल्तानपुर से टिकट दिया। पीलीभीत में चुनाव पहले चरण में तो सुल्तानपुर में आखिरी यानी 7वें चरण में है। यदि वरुण बागी बनते हैं तो उनकी मां के चुनाव पर नकरात्मक असर पड़ेगा।